हमसफर लुटे हुए मुसाफिर से सहारा न मांग, ये मेरे हमसफर कुछ भी नही है देने को। ये तो मेरी ख़ुसनसबी है, जो हु दुआओं में तेरी सामिल मैं। वरना बीच समुंदर में होने पे भी, तरसते है ये कंठ दो बूंद पानी को। Read more
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